हर पल घड़ी वह मुझ पर नजर रखती है आजकल मुश्किल इधर उधर निकलना है मुझे शक की दीवारों के बीच में रखती है उसका अजब गजब का प्यार है हमारी समस्याओं को समझती नहीं है
तुम्हारी मासूमियत को देखकर हंसी आती है तुम्हारी नटखट बातों से खुशी आती है तुम से ही मेरे अरमानों के पंछी उड़ान भरते हैं यह हकीकत है कि तुमसे अपनी पहचान रखते हैं