तुम्हारी मासूमियत को देखकर हंसी आती है तुम्हारी नटखट बातों से खुशी आती है तुम से ही मेरे अरमानों के पंछी उड़ान भरते हैं यह हकीकत है कि तुमसे अपनी पहचान रखते हैं
दिल बेकरार रहता है एक झलक को तुम्हारी राहों पर आंखें टिकी रहती है तुम्हें देखते ही सोचता हूं कुछ बात हो जाए हम दिल में चाहत रखते हैं हमसफर तुम बनो इज़हार हो जाए जो दिल में अरमान रखते हैं ऐसी कोई मुलाकात हो जाए